लेखनी प्रतियोगिता -12-Jul-2022 धन्य हुआ हमारा अंगना
रचयिता- प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक- धन्य हुआ हमारा अंगना
धन्य हुआ हमारा अंगना।
लक्ष्मी का पड़ा घर में पगला।।
हुआ है आज पोती का जन्म।
दादा-दादी हुए मगन।।
थाली बजी ताली बजी।
बजे नगाड़े ढोल ताशे।।
हर्षोल्लास से मन सजे।
बधाई के गीत गाए।।
हमारे घर पोती पधारी।
हमारे अंगने को महकाई।।
कह रहे दादा दादी।
खूब बांटो मिठाई।।
पोती हमारे घर की लक्ष्मी।
आज हमारे घर में पधारी।।
पोती बने दो कुल की जिम्मेदारी।
आज बनी हमारी हिस्सेदारी।।
पोती होती आंख का तारा।
दादा दादी की होती अभिलाषा।।
पोती होती आंखों का नूर।
सरगम की कहलाती है सुर।।
हमारे दिलों की होती शहजादी।
पोती होती सबसे प्यारी।।
पोता हो या पोती।
दोनों होते हैं मोती।।
दोनों है घर की छांव।
बनकर रहेंगे दोनों ढाल।।
घर का कोना दोनों से सजा।
खास होते पोता पोती।।
करो तुम पोती का स्वागत।
करो तुम आज उनका आगमन।।
Chudhary
14-Jul-2022 10:19 PM
Nice
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Seema Priyadarshini sahay
13-Jul-2022 10:11 AM
बहुत खूबसूरत
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Reyaan
13-Jul-2022 08:31 AM
शानदार
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